दिल्ली मेल संवाददाता
नई दिल्ली। ‘दिल्ली मेल’ समाचार पत्र के प्रधान संपादक कमल कांत कौशिक का 20 दिसम्बर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 67 साल के थे। उनकी असामयिक मौत के कारण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। अपने जीवन काल में उन्होंने सरकारी, गैर सरकारी, अर्द्ध सरकारी आदि कई क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी। एक शिक्षक के रूप में अपनी जीवन की पारी शुरू करने के साथ और बाद में भी वे विभिन्न संस्थाओं से जुड़े रहे।
एक शिक्षक के रूप में वे जहां बच्चों का भविष्य संवारने में लगे रहे वहीं शिक्षक संघ ‘प्रगतिशील शिक्षक समाज’ कि स्थापना कर वे शिक्षकों के हितों को संवारने में अपना योगदान देते रहे। इस दिशा में कार्य करते हुए हीं उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में भी काम करने का भरपूर मौका मिला किन्तु अपनी सरकारी नौकरी के चलते वे कभी प्रखर रूप में राजनीति में सामने नहीं आए। बावजूद इसके अपने इस राजनैतिक पहुंच के चलते उन्होंने शिक्षकों के विभिन्न मांगों को सरकार से मनवाने में कामयाब रहे। शिक्षकों के लिए उन्होंने ‘शिक्षक समाज’ नामक समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया।
इस बीच वे दिल्ली सहकारी बैंक में बोर्ड मेम्बर के तौर पर भी अपनी सेवाएं देते रहे। जिसके माध्यम से भी वे समाज के जरूरत मंद लोगों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहे। उनकी जीवनपर्यन्त विशेषता यह रही कि वे हमेशा लोगों के मदद के लिए आगे रहे। समाचार लेखन एवं संपादन में भी उनकी जबरदस्त रूची रही। यही कारण था कि उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों में अवैतनिक संपादन का कार्य भी किया।
प्रिंसिपल के पद से सेवा निवृत होने के बाद वे कई गैर सरकारी संगठनों से जुड़ कर समाज की बेहतरी के काम के साथ-साथ दिल्ली मेल समाचार पत्र का प्रकाशन कार्य भी शुरू किए। दिल्ली मेल समाचार पत्र के प्रकाशन के पीछे उनका उद्देश्य स्पष्ट था। उनका मानना था कि समाज मे नकारात्मकता बढ़ती जा रही है जिसे दूर करने का एक मात्र जरिया समाचार पत्र हो सकता है। जिस दिशा में वे हमेशा कार्य करते रहे। अब समाचार पत्र की टीम उनके इस सपने को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत रहेगी।