जस्टिस अरुना जगेदीसन ने करूर रैलि के 40 मृतकों की जांच का helm संभाला

जस्टिस अरुना जगेदीसन को नियुक्ति और उनका पृष्ठभूमि

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रिटायर मद्रास हाई कोर्ट जज करूर रैलि में हुई त्रासदी की जांच के लिए न्यायाधीश अरुना जगेदीसन को आयोग की अध्यक्षता पर नियुक्त किया। 2009 से 2015 तक मद्रास हाई कोर्ट में कार्यरत जगेदीसन ने कई संवेदनशील मामलों की जाँच संभाली है, जिससे उन्हें इस तरह के जटिल आयोग के लिए उपयुक्त माना गया।

जगदीशन जी ने 2018 में थुटुकुड़ी में सर्टलाई एंटी‑प्रोटेस्ट के दौरान हुई गोलीबारी में 13 मृतकों की जाँच की थी, जिसमें उन्होंने 17 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफ़ारिश की थी। इसके अलावा, उन्होंने जे. जयलालिता के धन‑संबंधी मामलों और 2015 में वेलाचरी में हुए धोखाधड़ी वाले एन्काउंट केस की साक्षी‑साइकल में भी भाग लिया था।

करूर रैलि में हुई त्रासदी और जांच के प्रमुख बिंदु

करूर रैलि में हुई त्रासदी और जांच के प्रमुख बिंदु

27 सितंबर 2025 को करूर में वियय के टवीके (Tamilaga Vettri Kazhagam) पार्टी के अभियान rally में भारी भीड़भाड़ के कारण एक भीषण stampede हुआ। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस घटना में कम से कम 40 लोग जान से हार गए और कई घायल हुए। वीडियो फुटेज में वियय को मंच पर उत्साहपूर्वक भाषण देते और भीड़ को पानी की बोतलें देने वाले दृश्य दिखते हैं, परंतु भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था नाकाम रहने से स्थिति बिगड़ गई।

रैली को लेकर पहले ही कई प्रश्न उठे थे: सुरक्षा मार्गों की कमी, सूचना‑प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्नैक्स एवं जल आपूर्ति की योजना न होना, और पुलिस की पर्याप्त तैनातियों की अनुपस्थिति। इन बिंदुओं की जांच आयोग के दायरे में आएगी।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने घटना के बाद तुरंत करूर पहुंच कर मृतकों के परिवारों से मिलकर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि सरकार इस भयावह घटना की पूरी ज़िम्मेदारी लेगी। उन्होंने आधिकारिक तौर पर कहा कि जगेदीसन द्वारा गठित आयोग को सभी आवश्यक दस्तावेज़ और गवाहों तक पहुंच प्रदान की जाएगी।

  • आयोग को घटना के क्रम, पुलिस के आदेश, भीड़ नियंत्रण के उपाय और स्थल की भौतिक स्थिति की पूरी जाँच करनी होगी।
  • वियय की टवीके पार्टी ने हाई कोर्ट में CBI या SIT के गठन की मांग की है, लेकिन सरकार ने पहले से ही एक स्वतंत्र आयोग स्थापित कर दिया है।
  • जज जगेदीसन ने अपने पिछले रिपोर्टों में प्रशासनिक लापरवाही पर कड़ी सिफ़ारिशें की हैं; इस बार भी वही दृष्टिकोण अपनाने की संभावना है।

जज जगेदीसन ने अपनी टीम में दो अनुभवी जांच अधिकारी और एक forensic expert को शामिल किया है। आयोग की रिपोर्ट को अंत में सार्वजनिक करके जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन, पुलिस, मेडिकल टीम और सुरक्षा एजेंसियों से सभी संबंधित दस्तावेज़ और गवाहियों को इकट्ठा किया जाएगा।

जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि क्या rally के आयोजकों ने भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त पूर्व योजना बनाई थी या नहीं। इसका उद्देश्य भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्ट मानक स्थापित करना है।

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