ब्रह्म मुहूर्त – क्या है और क्यों खास?

जब ब्रह्म मुहूर्त, सूर्य के पूर्ण भोर से पाँच मिनट पहले का वह पवित्र क्षण. पवित्र समय, यह समय आध्यात्मिक साधना और सकारात्मक शुरुआत के लिए माना जाता है, तब मन और शरीर दोनों ही सबसे स्वच्छ अवस्था में होते हैं। इस अवधि को अक्सर “प्रकाश की पहली झलक” कहा जाता है क्योंकि प्रकृति अभी जाग रही होती है, परंतु दिन की रौशनी अभी तक पूरी तरह नहीं छाई होती। वैज्ञानिक रूप से देखें तो यह वह समय है जब वातावरण में ध्वनि‑दबाव बहुत कम रहता है, हवा में नमी का स्तर स्थिर रहता है और हमारे शरीर की हॉर्मोनल लहरें सुकून की ओर मोड़ लेती हैं। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी पिएँ, हल्का स्ट्रेच करें या मन को शांत करने के लिये 5‑10 मिनट का ध्यान करें – इससे दिन की उत्पादकता दो‑तीन गुना बढ़ सकती है। इस समय की पवित्रता का उल्लेख वैदिक ग्रन्थों में भी मिलता है; कई ऋषियों ने कहा है कि इस क्षण में मन का संकल्प सबसे मजबूत रहता है।

12 अक्टूबर 2025 का पंचंग: उचय स्कंद षष्ठी व्रत, ब्रह्म मुहूर्त और शुभ समय
अक्तू॰, 12 2025

12 अक्टूबर 2025 का पंचंग: उचय स्कंद षष्ठी व्रत, ब्रह्म मुहूर्त और शुभ समय

12 अक्टूबर 2025 को कार्तिक कृष्ण पक्ष षष्ठी, स्कंद व्रत, मृगशिरा नक्षत्र और ब्रह्म मुहूर्त के साथ, सूर्य पूजा का विशेष महत्व है।